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Showing posts from January, 2022

गौतम बुद्ध (सिद्धार्थ) के बारे में रोचक तथ्य !

गौतम बुद्ध (सिद्धार्थ) जिन्होंने अपने जीवन में बहुत सारे सुखो को छोड़कर दुनिया वालो को एक अपने विचारो से नया रास्ता दिखाने वाले भगवान गौतम बुद्ध (सिद्धार्थ) भारत के महान दार्शनिक, वैज्ञानिक, धर्मगुरु, एक महान समाज सुधारक और बौद्ध धर्म के संस्थापक थे, तो आएये दोस्तों अब हम महात्मा गौतम बुद्ध (सिद्धार्थ) के बारे में कुछ अनसुने रोचक तथ्य के बारे में जानते है ! By:-culturalboys 

जानिए जैन धर्म से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में....

जैन धर्म के तथ्य – जैन धर्म की स्थापना भगवान रिषभदेव ने की थी। जैन धर्म के अनुयायी दो तरह के होते हैं जिन्हें श्वेतांबर जैन और दिगंबर कहा जाता है।  श्वेतांबर जैन तन ढ़कने के लिए पतले से सफेद कपड़े का उपयोग करते हैं तो वहीं दिगंबर जैन दिशाओं को ही अपने वस्त्र मानते हैं और आजीवन नग्न रहते हैं। देश-विदेश में  जैन धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं। जैन धर्म के अनुयायी सामाजिक जीवन से संन्यास लेकर दीक्षा लेते हैं और उन्हें संत के रुप में जीवन बिताना पड़ता है जो कि बेहद कठिन होता है। जैन धर्म से जुड़े जैन धर्म के तथ्य बहुत ही रोचक होते हैं। आइए जानते हैं जैन धर्म के तथ्य और कुछ नियमों के बारे में । जैन धर्म के तथ्य – जैन समुदाय के लोग सबसे ज्यादा अमीर माने जाते हैं। अमेरीका में जैन कम्यूनिटी सबसे ज्यादा पैसे वाली मानी जाती है वहीं भारत में रहने वाले जैन सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे होते हैं। संसार में होने वाले हीरे के व्यापार पर 60 प्रतिशत नियंत्रण जैन कारोबारियों का है। जैन धर्म में दयालुता को पहला स्थान दिया गया है। जैन धर्म में हत्या करना पाप माना जाता है। यहां तक की पेड़-पौधों, जानवरों ...

आखिर क्या है मुस्लिम महिलाओं के बुर्का पहनने का राज !

नई दिल्ली (उत्तम हिन्दू न्यूज): दुनिया में ऐसे कई सारे धर्म है जो अपने पहनावे के कारण जाने जाते है। आज हम मुस्मिल महिलाओं के बारे में बताने जा रहे है कि महिलाएं आखिर बुर्का क्यों पहनती है। बुर्के में महिलाओं को देखकर आपके दिमाग में भी ये ख्याल जरुर आया होगा। बता दें कि अल्लाह की किताब "कुरान शरीफ" में इस बात का जिक्र पूरे विस्तार से किया गया है। कुरान में बताया गया है कि महिलाओं को बुर्का पहनना इसलिए जरूरी है क्योंकि अल्लाह का यह कहना है कि अपने पति के अलावा किसी भी पराए मर्द को अपनी खूबसूरती नहीं दिखानी चाहिए इसलिए सभी लड़कियां और महिलाएं बुर्का पहनती है। कुरान में ऐसा लिखा गया है की मुस्लिम महिलाओं को ऐसा लिबास पहनना चाहिए जिससे उनका चेहरा, पैर और आँख के अलावा शरीर का कोई भी हिस्सा न दिखे। तो अब आप समज गये होंगे की मुस्लिम महिलाएं बुर्का क्यों पहनती है और उनके लिए बुरखे का कितना बड़ा महत्व होता है By:-culturalboys  

बपतिस्मा का अर्थ बाइबल क्या बताती है?

बाइबिल यह भी शिक्षा देती है कि, “जो विश्वास करे और बप्तिस्मा ले उसी का उद्धार होगा l” (मरकुस 16:16) मूल भाषा अर्थात यूनानी भाषा बैप्टिसो शब्द से आया है जिसका अर्थ है ‘डुबोना’ या किसी वस्तु को पानी के अंदर डूबा कर निकालना, इसे हम डूबकी लेने से भी समझ सकते हैं. By:-culturalboys.

ईसाई धर्म "

क्रिश्चियन/ईसाई रिलिजन/मज़हब (मसीही) एक इब्राहीमी मजहब है जो प्राचीन यहूदी परंपरा से निकला है। अन्य इब्राहीमी मज़हबों के सामान यह भी एक एकेश्वरवादी रिलिजन है। ईसाई परंपरा के अनुसार इसकी शुरूआत प्रथम सदी ई. में फलिस्तीन में हुई, जिसके अनुयायी 'क्रिश्चियन/ईसाई' कहलाते हैं। यह रिलिजन यीशु मसीह की उपदेशों पर आधारित है। ईसाइयों में मुख्ययतः तीन सम्प्रदाय हैं, कैथोलिक, प्रोटेस्टेंट और ऑर्थोडॉक्स तथा इनका रिलिजियस ग्रंथ बाइबिल है।[1] ईसाइयों के रिलिजियस स्थल को चर्च कहते हैं। विश्व में सर्वाधिक लोग क्रिश्चियन/ईसाई रिलिजन को मानते हैं। By:-culturalboys. 

क्या औरतों को है मस्जिदों में जाने की इजाजत ?

क्या आपने कभी महिलाओं को मस्जिद में जा कर नमाज अदा करते देखा है? क्या इस्लाम महिलाओं की ऐसा करने की इजाजत नहीं देता? हमने इस सवाल का जवाब जानना चाहा. पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने केरल में स्थित सबरीमाला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दे दी. उससे दो साल पहले मुंबई स्थित हाजी अली दरगाह में महिलाओं की एंट्री गर्भगृह तक भी कोर्ट के आदेश के बाद ही संभव हो सकी. इसके बाद केरल में ही हिंदू महासभा ने कोर्ट में मुस्लिम महिलाओं को मस्जिद में प्रवेश के लिए पेटिशन डाली. महिलाओं के पक्ष में कई फैसले आने के बाद अब आवाज उठ रही है कि मुस्लिम महिलाओं को मस्जिद में नमाज पढ़ने दिया जाए. धीरे धीरे ये आवाज सभी मस्जिदों में पहुंचने लगी है. ये सुगबुगाहट कहीं बढ़ कर तेज ना हो जाए, उससे पहले ही ज्यादातर मुस्लिम धर्मगुरु महिलाओं के मस्जिद में प्रवेश और नमाज के पक्ष में आ गए हैं. लेकिन क्या ये वाकई संभव है ? By:-culturalboys

Sikhism: सिख धर्म की कुछ ऐसी रोचक बातें जो आपने शायद हीं सुनी होंगी !

नानकशाही कैलेंडर के हिसाब से गुरु नानक का जन्मोत्सव अप्रैल में मनाया जाता है. उनकी जयंती 4 यानी चार नवंबर को होती है. पंद्रहवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में भारत के पंजाब में सिख धर्म की स्थापना हुई थी. इसके सदस्यों को सिखों के रूप में जाना जाता है.सिख धर्म के सबसे पहले गुरु गुरुनानक देव जी ने लोगों को सिख धर्म की जानकारी दी थी. तब भारत में हिंदू और इस्लाम धर्म था, लेकिन सिख धर्म दोनों से अलग है. नानकशाही कैलेंडर के हिसाब से गुरु नानक का जन्मोत्सव अप्रैल में मनाया जाता है. उनकी जयंती 4 यानी चार नवंबर को होती है. जिसे गुरु नानक जयंती के रूप में मनाया जाता है. गुरुनानक देव के बाद 9 गुरु और आए, जिन्होंने सिख धर्म को बढ़ाया. सिख धर्म के 5वें धर्म गुरु 'गुरु अर्जुन' के समय तक सिख धर्म पूरी तरह से स्थापित हो चुका था. उन्होंने सिखों के आदि ग्रंथ नामक धर्म ग्रंथ का संकलन भी किया था. सिखों के गुरु नानक देव के अलावा नौ अन्य गुरु आए. सिख सभी 10 मानव गुरु को मानते हैं. गुरु नानक का सबसे अहम संदेश था कि ईश्वर एक है और हर इंसान ईश्वर तक सीधे पहुंच सकता है. इसके लिए कोई रिवाज़ और पुजारी या मौलवी ...

कुरान क्यों पढ़ी जाती है ?

कुरान पढ़ाने की मुख्य वजह यह है की पूरी की पूरी दुनिया को इस्लामिक ढांचे में उतारने की कवायद को आगे बढ़ाना। ... कोई भी किताब पढ़ने पढ़ाने के लिए ही होती है इसलिए क़ुरान पढ़ाई जाती है, गीता और बाइबिल क्यों नहीं पढ़ाई जाती ये वही बता सकते हैं जो ये दावा करते हैं की ये उनकी किताब है । By:-culturalboys.

बकरीद में बकरा क्यों काटा जाता है?

  इस्लामिक मान्यता के अनुसार, इस दिन हज़रत इब्राहिम अपने पुत्र हज़रत इस्माइल को खुदा के हुक्म पर खुदा की मर्जी में कुर्बान करने जा रहे थे, तो अल्लाह ने उसके पुत्र को जीवनदान दे दिया जिसकी याद में यह पर्व तब से मनाया जाता है ।  By:-culturalboys

जानें क्यों Christians में पहना जाता है क्रॉस ? क्या है महत्व !

नई दिल्ली: ईसाई धर्म के अनुयायियों की संख्या विश्व में. सर्वाधिक है. इस धर्म के लोग ईसा मसीह को अपना भगवान मानते हैं. ईसाई धर्म में हर साल गुड फ्राइडे को महत्वपूर्ण दिन माना जाता है. इस बार गुड फ्राइडे 30 मार्च शुक्रवार को है. इस दिन ईसा मसीह को रोमन सैनिकों ने सूली पर लटका दिया था. इसके बाद उन्होंने प्राण त्याग दिया था. दरअसल जीसस को इस बात का एहसास पहले ही हो गया था. इसलिए गुड फ्राइडे के 40 दिन पहले ही  जीसस ने व्रत शुरू कर दिया था. जीसस ने बुधवार को अपना व्रत शुरू किया था, जिसे एश बुधवार यानी कि राख बुधवार के नाम से जाना जाता है. ! By:-culturalboys

मुस्लिम भाई लोग हलाल मांस क्यों खाते हैं वह झटके से बना हुआ मांस क्यों नहीं खाते ?

  इस्लाम को समझना है तो इसके दो फेज हैं. पहला, यह जानें कि कुरान में क्या लिखा है? दूसरा, जो क़ुरान में लिखा है, एक सामान्य मुसलमान उसका क्या अर्थ समझता है? "हलाल" एक छोटा सा शब्द है...इसका अर्थ हम और आप लगभग सही सही जानते हैं. आपको पता है कि पोर्क हराम है, मछली हलाल है, और दूसरे जानवरों का मांस, अगर एक खास तरह से काटा गया है तो हलाल है. लेकिन एक मुसलमान जब मांस बाजार से खरीद कर लाता है तो उसे कैसे भरोसा होता है कि यह हलाल है या नहीं? पहली बार लन्दन आया था तो हम कई लड़के-लड़कियाँ एक ही घर में रहते थे. हम सब साथ खाना बना कर खाते थे. मज़ा भी आता था, सस्ता भी पड़ता था. उनमें हमारे बीच एक पाकिस्तानी लड़की भी थी. वह कभी हमारे साथ या हमारा बनाया हुआ खाना नहीं खाती थी. एक दिन हममें से एक को नौकरी मिली तो उसने सबको दावत दी. यानि मुफ्त का मुर्गा और बियर...हमने उस लड़की को भी इनवाइट किया...हिचकते हिचकते वह नीचे आयी. उसने कहा, वह सिर्फ हलाल खाती है. हमने बताया, हम उसी की सोचकर हलाल चिकन लेकर आये हैं. तब उसने डिटेल में हलाल का मतलब बताया.. अगर किसी मुस्लिम की दूकान से मुर्गा खरीद कर लाया गया तो...

क्यों मनाई जाती है बकरीद ?

 बकरीद का त्योहार भी इन्हीं दोनों बाप-बेटे (इब्राहीम-इस्माईल) की याद में ही मनाया जाता है. इस त्योहार का ज़िक्र पवित्र किताब कुरान में भी मौजूद है. यह त्योहार कुर्बानी और त्याग का त्योहार होता है. हज़रत इब्राहीम बहुत ही विद्धान व्यक्ति थे. अल्लाह ने उनका इम्तेहान लेने के लिए उनसे उनकी सबसे पसंदीदा चीज़ की कुर्बानी मांगी. हज़रत इब्राहीम को सबसे ज़्यादा प्यार अपने बेटे हज़रत इस्माईल से था. उन्होंने फैसला किया कि वह अपने बेटे की ही कुर्बानी देंगे क्योंकि अल्लाह ने सबसे पसंदीदा की ही कुर्बानी मांगी थी. बताया जाता है कि हज़रत इब्राहीम ने अपने बेटे को भी अपने इस फैसले के बारे में बताया वह भी तैयार हो गए और दोनों लोग मिना नामक मैदान में गए और हज़रत इस्माईल ने बाप को आंखों पर पट्टी बांध कर कुर्बानी करने को कहा ताकि उनके दर्द को देख हज़रत इब्राहीम अपना फैसला न बदल लें और कुर्बानी अधूरी न रह जाए. बताया जाता है कि हज़रत इब्राहीम ने अपने आंखों पर पट्टी बांध ली और अपने बेटे की गर्दन पर छुरी चला दी. इसी बीच अल्लाह ने फरिश्तों को भेज दिया और हज़रत इस्माईल की जगह एक दुम्बे (अरबी भेड़) को लिटा दिया...

सूर्य देव के लिए व्रत क्यों रखा जाता है?

रविवार सूर्य देवता की पूजा का वार है। जीवन में सुख-समृद्धि, धन-संपत्ति और शत्रुओं से सुरक्षा के लिए रविवार का व्रत सर्वश्रेष्ठ है। रविवार का व्रत करने व कथा सुनने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं। मान-सम्मान, धन-यश तथा उत्तम स्वास्थ्य मिलता है। कुष्ठ रोग से मुक्ति के लिए भी यह व्रत किया जाता है।   By:-culturalboys. 

ब्राह्मणों के 8 प्रकार जानिए कौन से...

PART 2 5. भ्रूण : अनुचान के समस्त गुणों से युक्त होकर केवल यज्ञ और स्वाध्याय में ही संलग्न रहता है, ऐसे इंद्रिय संयम व्यक्ति को भ्रूण कहा गया है। 6. ऋषिकल्प : जो कोई भी व्यक्ति सभी वेदों, स्मृतियों और लौकिक विषयों का ज्ञान प्राप्त कर मन और इंद्रियों को वश में करके आश्रम में सदा ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए निवास करता है उसे ऋषिकल्प कहा जाता है। 7. ऋषि : ऐसे व्यक्ति तो सम्यक आहार, विहार आदि करते हुए ब्रह्मचारी रहकर संशय और संदेह से परे हैं और जिसके श्राप और अनुग्रह फलित होने लगे हैं उस सत्यप्रतिज्ञ और समर्थ व्यक्ति को ऋषि कहा गया है। 8. मुनि : जो व्यक्ति निवृत्ति मार्ग में स्थित, संपूर्ण तत्वों का ज्ञाता, ध्याननिष्ठ, जितेन्द्रिय तथा सिद्ध है ऐसे ब्राह्मण को ‘मुनि’ कहते हैं।     By:-culturalboys. 

माथे पर क्यों लगाते हैं तिलक ? इसका महत्व और सही नियम जानें !

PART 2  हमारे शरीर में ऊर्जा के 7 छोटे-छोटे केंद्र हैं जिन्हें चक्र कहा जाता है और ये चक्र अपार शक्ति के भंडार हैं  तिलक या टीके को माथे के बीचों बीच लगाने के पीछे कारण ये है कि वहां पर आज्ञा चक्र होता है. हमारे शरीर के 7 चक्रों में से यह सबसे महत्वपूर्ण स्थान है. आज्ञा चक्र स्पष्टता और बुद्धि का केन्द्र है. यहां पर शरीर की 3 प्रमुख नाड़ियां- इडा (चंद्र नाड़ी), पिंगला (सूर्य नाड़ी) और सुषुम्ना (केन्द्रीय, मध्य नाड़ी) आकर मिलती हैं. आज्ञाचक्र को गुरुचक्र भी कहा जाता है क्योंकि यहीं से पूरे शरीर का संचालन होता है. यह हमारे शरीर का केंद्र स्थान है. । By:-culturalboys 

रविवार को सूर्यदेव को जल क्यों देते है ?

रविवार का दिन सूर्य देव की पूजा के लिए विशेष है. ज्योतिष में सूर्य को सभी ग्रहों का अधिपति माना गया है. सूर्यदेव को जल चढ़ाने से व्यक्ति को जीवन की हर परेशानी से मुक्ति मिलती है. सूर्य देव को अर्घ्य देने की परंपरा सदियों से चली आ रही है.  By:-culturalboys 

शनि देव को खुश कैसे करे !

इसदिन जल में चीनी एवं काला तिल मिलाकर पीपल की जड़ में अर्पित करके तीन परिक्रमा करने से शनि प्रसन्न होते हैं। शनिवार के दिन उड़द दाल की खिचड़ी खाने से भी शनि दोष के कारण प्राप्त होने वाले कष्ट में कमी आती है। मंगलवार के दिन हनुमान जी के मंदिर में तिल का दीया जलाने से भी शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है। By:-culturalboys 

ब्राह्मणों के 8 प्रकार जानिए कौन से...

PART 1 प्राचीन काल में हर जाति, समाज आदि का व्यक्ति ब्राह्मण बनने के लिए उत्सक रहता था। ब्राह्मण होने का अधिकार सभी को आज भी है। चाहे वह किसी भी जाति, प्रांत या संप्रदाय से हो वह गायत्री दीक्षा लेकर ब्रह्माण बन सकता है, लेकिन ब्राह्मण होने के लिए कुछ नियमों का पालन करना होता है। हम उस ब्राह्मण समाज की बात नहीं कर रहे हैं जिनमें से अधिकतर ने अपने ब्राह्मण कर्म छोड़कर अन्य कर्मों को अपना लिया है। हालांकि अब वे ब्राह्मण नहीं रहे लेकिन कहलाते अभी भी ब्राह्मण ही है। स्मृति-पुराणों में ब्राह्मण के 8 भेदों का वर्णन मिलता है:- मात्र, ब्राह्मण, श्रोत्रिय, अनुचान, भ्रूण, ऋषिकल्प, ऋषि और मुनि। 8 प्रकार के ब्राह्मण श्रुति में पहले बताए गए हैं। इसके अलावा वंश, विद्या और सदाचार से ऊंचे उठे हुए ब्राह्मण ‘त्रिशुक्ल’ कहलाते हैं। ब्राह्मण को धर्मज्ञ विप्र और द्विज भी कहा जाता है। 1. मात्र : ऐसे ब्राह्मण जो जाति से ब्राह्मण हैं लेकिन वे कर्म से ब्राह्मण नहीं हैं उन्हें मात्र कहा गया है। ब्राह्मण कुल में जन्म लेने से कोई ब्राह्मण नहीं कहलाता। बहुत से ब्राह्मण ब्राह्मणोचित उपनयन संस्कार और वैदिक कर्मों से ...

माथे पर क्यों लगाते हैं तिलक ? इसका महत्व और सही नियम जानें !

  PART 1                                                                किसी तरह की पूजा-पाठ हो, कोई धार्मिक कार्य हो, कोई शुभ या मांगलिक कार्य हो, कहीं यात्रा पर निकलना हो, या फिर किसी कार्य में सफलता पाने की इच्छा हो- इन सभी में व्यक्ति के माथे पर तिलक लगाया जाता है. यह तिलक रोली, चंदन, सिंदूर, केसर या फिर हल्दी से भी लगाया जा सकता है. लेकिन आखिर तिलक लगाने का कारण क्या है, इसे माथे के बिलकुल बीचों बीच क्यों लगाया जाता है और इसका महत्व क्या है, इन सभी सवालों के जवाब अगले पार्ट में मिलेगा । अगर आप जानते है तो कॉमेंट बॉक्स में बताए ! next part is coming soon....                                                                             ...

ब्राह्मण को क्यों शास्त्रों में कहा गया है देवता, जानना चाहते हैं ज़रूर पढ़ें ये?

आप में से लगभग लोग जानते होंगे कि हिंदू धर्म में ब्राह्मण देवता तो किसी देवी-देवता के कम नहीं माना जाता। कहने का भाव हैं इन्हें भी देवी-देवताओं की ही तरह पूजनीय माना जाता है। मगर इन्हीं लोगों में से बहुत से लोगों के मन में ये सवाल भी आया होगा कि आख़िर क्यों ब्राह्मण को देवता का रूप माना जाता है? इसके पीछे का कारण क्या है? दरअसल इस बात का विवरण धार्मिक ग्रंथों में बाखूबी किया गया है। जी हां शास्त्रों से जानते हैं कि क्यों ब्राह्मण को देवता समान पूजनीय माना जाता है।                                                                                                  By:-culturalboys.

Jesus Christ Statue: हरियाणा में 173 साल पुरानी जीसस की मूर्ति तोड़ी गई, क्रिसमस की रात चर्च में घुसे थे दो अज्ञात शख्स !

 Holy Redeemer Church: हरियाणा में ब्रिटिश काल के एक चर्च में 173 साल पुरानी ईसा मसीह की मूर्ति के साथ तोड़फोड़ की घटना सामने आई है. आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है. Jesus Christ Statue Vandalised: हरियाणा के अंबाला में रविवार को ईसा मसीह की मूर्ति को तोड़ दिया गया. ये मूर्ति ब्रिटिश काल (British Era) में बने होली रिडीमर चर्च के प्रवेश द्वार पर लगी थी. चर्च के पादरी फादर पैट्रस मुंडु ने कहा, ‘ये चर्च सदियों पुराना है और इसका ऐतिहासिक महत्व है. इसकी स्थापना 1840 के दशक में हुई थी. लेकिन यहां पहले कभी ऐसी घटना नहीं हुई.’ ऐसी जानकारी सामने आई है कि यहां दो लोगों ने प्रवेश कर मूर्ति को तोड़ा है. सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, दो संदिग्ध व्यक्ति रात के 12 बजकर 30 मिनट पर यहां प्रवेश करते देखे गए हैं. ये चर्च 173 साल पहले बनाया गया था... द हिंदु की रिपोर्ट के अनुसार, पैट्रस मुंडु ने बताया, ‘हमने रात 9.30 बजे तक क्रिसमस की प्रेयर पूरी कर ली थी और फिर कोविड प्रतिबंधों के कारण चर्च को समय पर बंद कर दिया गया. रात 10.30 बजे तक इलाका लगभग खाली था और मुख्य द्वार को बंद कर दिया गया था.’ मामले ...

मंदिर में जाने से पहले आखिर क्यों बजाते है घंटी !!

असल में प्राचीन समय से ही देवालयों और मंदिरों के बाहर इन घंटियों को लगाया जाने की शुरुआत हो गई थी. इसके पीछे यह मान्यता है कि जिन स्थानों पर घंटी की आवाज नियमित तौर पर आती रहती है वहां का वातावरण हमेशा सुखद और पवित्र बना रहता है और नकारात्मक या बुरी शक्तियां पूरी तरह निष्क्रिय रहती हैं. यही वजह है कि सुबह और शाम जब भी मंदिर में पूजा या आरती होती है तो एक लय और विशेष धुन के साथ घंटियां बजाई जाती हैं जिससे वहां मौजूद लोगों को शांति और दैवीय उपस्थिति की अनुभूति होती है. लोगों का मानना है कि घंटी बजाने से मंदिर में स्थापित देवी-देवताओं की मूर्तियों में चेतना जागृत होती है जिसके बाद उनकी पूजा और आराधना अधिक फलदायक और प्रभावशाली बन जाती है. पुराणों के अनुसार मंदिर में घंटी बजाने से मानव के कई जन्मों के पाप तक नष्ट हो जाते हैं. जब सृष्टि का प्रारंभ हुआ तब जो नाद (आवाज) गूंजी थी वही आवाज घंटी बजाने पर भी आती है. उल्लेखनीय है कि यही नाद ओंकार के उच्चारण से भी जागृत होता है. मंदिर के बाहर लगी घंटी या घंटे को काल का प्रतीक भी माना गया है. कहीं-कहीं यह भी लिखित है कि जब प्रलय आएगा उस समय भी ऐसा ही...

गुरूद्वारे में किसकी पूजा की जाती हैं ?

गुरुद्वारा (पंजाबी: ਗੁਰਦੁਆਰਾ), जिसका शाब्दिक अर्थ गुरु का द्वार है सिक्खों के भक्ति स्थल हैं जहाँ वे अपने धार्मिक अनुष्ठान भी करते हैं। अमृतसर का हरमिन्दर साहिब गुरुद्वारा, जिसे स्वर्ण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, उत्तर भारत का एक प्रसिद्ध गुरुद्वारा है। एक गुरुद्वारा / सिख मंदिर (गुरुद्वारा; जिसका अर्थ है "गुरु का द्वार") सिखों के लिए एक सभा और पूजा स्थल है।  सिख गुरुद्वारों को गुरुद्वारा साहिब भी कहते हैं।  गुरुद्वारों में सभी धर्मों के लोगों का स्वागत किया जाता है।  प्रत्येक गुरुद्वारे में एक दरबार साहिब है जहां सिखों के वर्तमान और सार्वकालिक गुरु, ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब को एक प्रमुख केंद्रीय स्थिति में एक तखत (एक ऊंचा सिंहासन) पर रखा गया है।  मण्डली की उपस्थिति में, रागी (जो राग गाते हैं) गाते हैं, और गुरु ग्रंथ साहिब से छंदों की व्याख्या करते हैं। सभी गुरुद्वारों में एक लंगर हॉल है, जहाँ लोग गुरुद्वारे में स्वयंसेवकों द्वारा परोसे जाने वाले मुफ्त शाकाहारी भोजन का सेवन कर सकते हैं। [१]  उनके पास एक चिकित्सा सुविधा कक्ष, पुस्तकालय, नर्सरी, कक्षा, बैठक कक्...

बाइबल क्या है ?

बाइबल परमेश्वर का वचन है जो उनके लोगों के लिए लिखा गया है, यह बेची और वितरित की गई 50 बिलियन से अधिक प्रतियों के साथ अब तक की सबसे अधिक बिकने वाली पुस्तक है। Wycliffe Global Alliance के अनुसार, पवित्रशास्त्र के कम से कम एक भाग का अनुवाद 7,099 मौजूदा भाषाओं में से 3,350 के लिए किया गया है; बाइबल को इसकी संपूर्णता में 683 भाषाओं में अनुवादित किया गया है।      By :- culturalboys

पूरी दुनिया में है इतने धर्मों के लोग, जानिए सबसे पहले बना कौन सा धर्म ?

part 2  6- ईसाई धर्म हजरत इब्राहिम की परंपरा में ही आगे चलकर 5 वीं ईसा पूर्व ईसा मसीह हुए । उनका जन्म फिलिस्तीन के बेथलेहम में नाजारेथ के एक यहूदी बढ़ई परिवार में हुआ था । कहा जाता है कि ईसा मसीह के बाद उनके 12 शिष्यों ने ईसाई धर्म की स्थापना की थी । 7- इस्लाम धर्म हजरत मुहम्मद अलै. का जन्म सन् 571 ईस्वी. में मक्का में पीर के दिन हुआ था, इन्होंने ही इस्ला‍म धर्म की स्थापना की थी । आगे चलकर खलिफाओं ने इस धर्म को फैलाया । 8- सिख धर्म सिख धर्म के दस गुरुओं में सबसे पहले गुरु हैं गुरु नानक देव जी जिनका जन्म 1469 को तलवंडी, पंजाब में हुआ था । अब यह हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में है । सिख धर्म में कुल 10 गुरु हुए हैं । अंतिम गुरु गोविंदसिंह जी थे । 9- दुनिया में शिंतो, ताओ, जेन, यजीदी, पेगन, वूडू, बहाई धर्म, अहमदिया, कन्फ्यूशियस, काओ दाई आदि अनेक धर्म हैं लेकिन ये सभी उपरोक्त धर्मों से निकले ही धर्म हैं ।    By:-culturalboys                                          ...

हिंदू धर्म है सबसे पुराना, जानिए किस नंबर पर आते हैं इस्लाम, ईसाई.

इंटरनेशनल डेस्क। पिछले कुछ साल में दुनियाभर के तमाम हिस्सों में धार्मिक आजादी पर हमले बढ़े हैं। ये बात हाल ही में आई यूएस कमीशन ऑन इंटरनेश नल रिलीजियस फ्रीडम की रिपोर्ट में कही गई है। इस रिपोर्ट में चीन और भारत का भी नाम लिया गया है, जिस पर दोनों ही देशों ने एतराज जताया है। ऐसे में यहां हम ऐसे आठ धर्मों के बारे में बता रहे हैं, जिसके दुनियाभर में सबसे ज्यादा फॉलोअर्स हैं। इनमें हिंदू धर्म सबसे पुराना है, लेकिन ईसाई और इस्लाम को मानने वालों की संख्या दुनिया में सबसे ज्यादा है। आगे की स्लाइड्स में जानें उन 8 धर्मों के बारे में, जिनके हैं सबसे ज्यादा फॉलोअर्स ... इन सभी धर्मों के फॉलोअर्स के आंकड़े एडहेरेन्ट डॉटकॉम से लिए गए हैं, जो धर्म से जुड़े आंकड़ों और तथ्यों का रिकॉर्ड रखती है.                                                                           By :- culturalboys.  

पूरी दुनिया में है इतने धर्मों के लोग, जानिए सबसे पहले बना कौन सा धर्म ?

part 1 1- हिन्दू धर्म पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हिन्दू धर्म 90 हजार वर्ष पुराना बताया जाता है । हिन्दू धर्म में सबसे पहले 9057 ईसा पूर्व, स्वायंभुव मनु हुए, 6673 ईसा पूर्व में वैवस्वत मनु हुए, भगवान श्रीराम का जन्म 5114 ईसा पूर्व और श्रीकृष्ण का जन्म 3112 ईसा पूर्व बताया जाता हैं । वर्तमान शोध के अनुसार 12 से 15 हजार वर्ष प्राचीन और ज्ञात रूप से लगभग 24 हजार वर्ष पुराना धर्म हिन्दू धर्म को माना जाता हैं । 2- जैन धर्म जैनधर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभनाथ स्वायंभुव मनु (9057 ईसा पूर्व) से पांचवीं पीढ़ी में इस क्रम में हुए- स्वायंभुव मनु, प्रियव्रत, अग्नीघ्र, नाभि और फिर ऋषभ । 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी ने इस धर्म को एक नई व्यवस्‍था और दिशा धारा दी । 3- यहूदी धर् यहूदी धर्म को आज से लगभग 4 हजार साल पुराना है जो वर्तमान में इसराइल का राजधर्म भी है । हजरत आदम की परंपरा में आगे चलकर हजरत इब्राहिम हुए और फिर हजरत मूसा, ऐसा माना जाता हैं कि ईसा से लगभग 1500 वर्ष पूर्व हुए हजरत मूसा ने यहूदी धर्म की स्थापना की थी । 4- पारसी धर्म प्राचीन इतिहास में ईसा से लगभग 1200 से 1500 वर्ष पूर्व ईरान ...

जुम्मा क्यों मनाया जाता है ?

 इस दिन को दुनिया भर के मुसलमान पूरी अजमत अकीदत से और अल्‍लाह की इबादत (Worship) करके गुजारते हैं. यह जुम्मा अन्‍य जुम्मा के मुकाबले इसलिए खास है क्‍योंकि यह रमजान के महीने का आखिरी जुम्मा यानी शुक्रवार है और इस साल के बाद रमजान में कोई और जुम्मा नहीं पड़ेगा. ... तरावीह पढ़ने और अल्‍लाह की इबादत करने का सम्‍मान हासिल हुआ ।                                                                                                     By:-culturalboys 

जुम्मा क्या है ?

दरअसल, जुम्मे का मतलब जमा होना यानी एकत्र होना होता है. जुम्मे की नजाम हर दिन की नमाज से अलग होती है, क्योंकि जुम्मे की नमाज में खुतबा होता है. ... जुम्मे की नमाज का सबसे बड़ा मकसद मुसलमानों को जमा करना और उन्हें पैगाम देना होता है. खुतबे में हर मस्जिद के इमाम नमाज से पहले लोगों को एक पैगाम देते हैं. By:-culturalboys

मकर संक्रांति क्या है?

सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में जाने को ही संक्रांति कहते हैं. एक संक्रांति से दूसरी संक्रांति के बीच का समय ही सौर मास है. वैसे तो सूर्य संक्रांति 12 हैं, लेकिन इनमें से चार संक्रांति महत्वपूर्ण हैं जिनमें मेष, कर्क, तुला, मकर संक्रांति हैं. मकर संक्रांति के शुभ मुहूर्त में स्नानए दान और पुण्य के शुभ समय का विशेष महत्व है. मकर संक्रांति के पावन पर्व पर गुड़ और तिल लगाकर नर्मदा में स्नान करना लाभदायी होता है. इसके बाद दान संक्रांति में गुड़, तेल, कंबल, फल, छाता आदि दान करने से लाभ मिलता है और पुण्यफल की प्राप्ति होती है. 14 जनवरी ऐसा दिन है, जब धरती पर अच्छे दिन की शुरुआत होती है. ऐसा इसलिए कि सूर्य दक्षिण के बजाय अब उत्तर को गमन करने लग जाता है. जब तक सूर्य पूर्व से दक्षिण की ओर गमन करता है तब तक उसकी किरणों का असर खराब माना गया है, लेकिन जब वह पूर्व से उत्तर की ओर गमन करते लगता है तब उसकी किरणें सेहत और शांति को बढ़ाती हैं By:-culturalboys

क्यों चावल के बगैर पूरी नहीं होती कोई पूजा ?

  हिन्दू धर्म में पूजा के दौरान चावल का इस्तेमाल होता है चावल को अक्छत भी कहा जाता है इसका भावपूर्ण  से जुड़ा है यानी जिसकी छति न हुई हो अन्न के रूप में चावल सबसे शुद्ध है धन के अंदर बंद होने से पसु पक्षी इसे झूठा नहीं कर पाते  है श्री कृष्ण ने भगवत गीता में कहा है की मुझे अर्पित किये बिना जो कोई अन्न का प्रयोग करता है वो अन्न धनं चोरी का माना जाता है इस कारण चावल के बगैर  पूजा पूरी नहीं होती |   By:- CulturalBoys