सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में जाने को ही संक्रांति कहते हैं. एक संक्रांति से दूसरी संक्रांति के बीच का समय ही सौर मास है. वैसे तो सूर्य संक्रांति 12 हैं, लेकिन इनमें से चार संक्रांति महत्वपूर्ण हैं जिनमें मेष, कर्क, तुला, मकर संक्रांति हैं. मकर संक्रांति के शुभ मुहूर्त में स्नानए दान और पुण्य के शुभ समय का विशेष महत्व है.
मकर संक्रांति के पावन पर्व पर गुड़ और तिल लगाकर नर्मदा में स्नान करना लाभदायी होता है. इसके बाद दान संक्रांति में गुड़, तेल, कंबल, फल, छाता आदि दान करने से लाभ मिलता है और पुण्यफल की प्राप्ति होती है. 14 जनवरी ऐसा दिन है, जब धरती पर अच्छे दिन की शुरुआत होती है. ऐसा इसलिए कि सूर्य दक्षिण के बजाय अब उत्तर को गमन करने लग जाता है. जब तक सूर्य पूर्व से दक्षिण की ओर गमन करता है तब तक उसकी किरणों का असर खराब माना गया है, लेकिन जब वह पूर्व से उत्तर की ओर गमन करते लगता है तब उसकी किरणें सेहत और शांति को बढ़ाती हैं
By:-culturalboys
हिन्दू धर्म में पूजा के दौरान चावल का इस्तेमाल होता है चावल को अक्छत भी कहा जाता है इसका भावपूर्ण से जुड़ा है यानी जिसकी छति न हुई हो अन्न के रूप में चावल सबसे शुद्ध है धन के अंदर बंद होने से पसु पक्षी इसे झूठा नहीं कर पाते है श्री कृष्ण ने भगवत गीता में कहा है की मुझे अर्पित किये बिना जो कोई अन्न का प्रयोग करता है वो अन्न धनं चोरी का माना जाता है इस कारण चावल के बगैर पूजा पूरी नहीं होती | By:- CulturalBoys
Nice♥️
ReplyDeletereally it's too Good.😊
ReplyDeleteNice impresive...
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