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Mathematics Solution





Algebraic Expression and Identities Chapter-9 Important Questions with Answers

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Rational Numbers Chapter-1 Important Questions with Answer


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क्यों चावल के बगैर पूरी नहीं होती कोई पूजा ?

  हिन्दू धर्म में पूजा के दौरान चावल का इस्तेमाल होता है चावल को अक्छत भी कहा जाता है इसका भावपूर्ण  से जुड़ा है यानी जिसकी छति न हुई हो अन्न के रूप में चावल सबसे शुद्ध है धन के अंदर बंद होने से पसु पक्षी इसे झूठा नहीं कर पाते  है श्री कृष्ण ने भगवत गीता में कहा है की मुझे अर्पित किये बिना जो कोई अन्न का प्रयोग करता है वो अन्न धनं चोरी का माना जाता है इस कारण चावल के बगैर  पूजा पूरी नहीं होती |   By:- CulturalBoys

मुस्लिम भाई लोग हलाल मांस क्यों खाते हैं वह झटके से बना हुआ मांस क्यों नहीं खाते ?

  इस्लाम को समझना है तो इसके दो फेज हैं. पहला, यह जानें कि कुरान में क्या लिखा है? दूसरा, जो क़ुरान में लिखा है, एक सामान्य मुसलमान उसका क्या अर्थ समझता है? "हलाल" एक छोटा सा शब्द है...इसका अर्थ हम और आप लगभग सही सही जानते हैं. आपको पता है कि पोर्क हराम है, मछली हलाल है, और दूसरे जानवरों का मांस, अगर एक खास तरह से काटा गया है तो हलाल है. लेकिन एक मुसलमान जब मांस बाजार से खरीद कर लाता है तो उसे कैसे भरोसा होता है कि यह हलाल है या नहीं? पहली बार लन्दन आया था तो हम कई लड़के-लड़कियाँ एक ही घर में रहते थे. हम सब साथ खाना बना कर खाते थे. मज़ा भी आता था, सस्ता भी पड़ता था. उनमें हमारे बीच एक पाकिस्तानी लड़की भी थी. वह कभी हमारे साथ या हमारा बनाया हुआ खाना नहीं खाती थी. एक दिन हममें से एक को नौकरी मिली तो उसने सबको दावत दी. यानि मुफ्त का मुर्गा और बियर...हमने उस लड़की को भी इनवाइट किया...हिचकते हिचकते वह नीचे आयी. उसने कहा, वह सिर्फ हलाल खाती है. हमने बताया, हम उसी की सोचकर हलाल चिकन लेकर आये हैं. तब उसने डिटेल में हलाल का मतलब बताया.. अगर किसी मुस्लिम की दूकान से मुर्गा खरीद कर लाया गया तो...

बुद्ध एवं बौद्ध धर्म के बारे में 10 रोचक तथ्य !

PART 2  6. जिस तरह मुस्लिमों के लिए कुरान है और ईसाइयों के लिए बाइबल है, उस तरह बौद्धों के लिए कोई एक केंद्रीय धर्म ग्रंथ नहीं है। बौद्ध धर्म के असंख्य ग्रंथ है, जिन्हें कोई भी एक व्यक्ति अपने संपूर्ण जीवन काल में नहीं पढ़ सकता। “त्रिपिटक” को बौद्ध ग्रंथों में सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथ माना जाता है। 7. प्रविष्ठ बौद्ध धर्म के त्रिरत्न हैं – (i) बुद्ध (ii) धम्म (iii) संघ 8. बुद्ध का जन्म लुम्बिनी, नेपाल में वेसाक पूर्णिमा के दिन एक खूबसूरत बगीचे में हुआ था। 9. अन्य धार्मिक प्रथाओं की तरह, बौद्ध धर्म में किसी व्यक्ति को एक निर्माता, ईश्वर या देवताओं में विश्वास करने की आवश्यकता नहीं होती है। बौद्ध धर्म तीन मौलिक अवधारणाओं में विश्वास करता है: १) कुछ भी स्थायी नहीं है, २) सभी कार्यों के परिणाम होते हैं, और ३) इसे बदलना संभव है। 10. जब बुद्ध को अपनी शिक्षाओं को एक शब्द में समेटने (सारांश) के लिए कहा गया, तो उन्होंने कहा, “जागरूकता।”   By:-culturalboys.