Skip to main content

Sikhism: सिख धर्म की कुछ ऐसी रोचक बातें जो आपने शायद हीं सुनी होंगी !

नानकशाही कैलेंडर के हिसाब से गुरु नानक का जन्मोत्सव अप्रैल में मनाया जाता है. उनकी जयंती 4 यानी चार नवंबर को होती है.

पंद्रहवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में भारत के पंजाब में सिख धर्म की स्थापना हुई थी. इसके सदस्यों को सिखों के रूप में जाना जाता है.सिख धर्म के सबसे पहले गुरु गुरुनानक देव जी ने लोगों को सिख धर्म की जानकारी दी थी. तब भारत में हिंदू और इस्लाम धर्म था, लेकिन सिख धर्म दोनों से अलग है. नानकशाही कैलेंडर के हिसाब से गुरु नानक का जन्मोत्सव अप्रैल में मनाया जाता है. उनकी जयंती 4 यानी चार नवंबर को होती है. जिसे गुरु नानक जयंती के रूप में मनाया जाता है.

गुरुनानक देव के बाद 9 गुरु और आए, जिन्होंने सिख धर्म को बढ़ाया. सिख धर्म के 5वें धर्म गुरु 'गुरु अर्जुन' के समय तक सिख धर्म पूरी तरह से स्थापित हो चुका था. उन्होंने सिखों के आदि ग्रंथ नामक धर्म ग्रंथ का संकलन भी किया था. सिखों के गुरु नानक देव के अलावा नौ अन्य गुरु आए. सिख सभी 10 मानव गुरु को मानते हैं.

गुरु नानक का सबसे अहम संदेश था कि ईश्वर एक है और हर इंसान ईश्वर तक सीधे पहुंच सकता है. इसके लिए कोई रिवाज़ और पुजारी या मौलवी की ज़रूरत नहीं है. उनका मानना था कि अपनी जीवनशैली के ज़रिए ही इंसान अपने भीतर ईश्वर को देख सकता है.

1496 में गुरु नानक देव की शादी हुई थी. उनके दो पुत्र श्रीचन्द और लक्ष्मीचन्द थे.उनका परिवार भी था. गुरु नानक देव ने भारत, तिब्बत और अरब से आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत की थी. यह यात्रा 30 साल तक चली थी.  

By:-culturalboys.

Comments

Popular posts from this blog

क्यों चावल के बगैर पूरी नहीं होती कोई पूजा ?

  हिन्दू धर्म में पूजा के दौरान चावल का इस्तेमाल होता है चावल को अक्छत भी कहा जाता है इसका भावपूर्ण  से जुड़ा है यानी जिसकी छति न हुई हो अन्न के रूप में चावल सबसे शुद्ध है धन के अंदर बंद होने से पसु पक्षी इसे झूठा नहीं कर पाते  है श्री कृष्ण ने भगवत गीता में कहा है की मुझे अर्पित किये बिना जो कोई अन्न का प्रयोग करता है वो अन्न धनं चोरी का माना जाता है इस कारण चावल के बगैर  पूजा पूरी नहीं होती |   By:- CulturalBoys

मुस्लिम भाई लोग हलाल मांस क्यों खाते हैं वह झटके से बना हुआ मांस क्यों नहीं खाते ?

  इस्लाम को समझना है तो इसके दो फेज हैं. पहला, यह जानें कि कुरान में क्या लिखा है? दूसरा, जो क़ुरान में लिखा है, एक सामान्य मुसलमान उसका क्या अर्थ समझता है? "हलाल" एक छोटा सा शब्द है...इसका अर्थ हम और आप लगभग सही सही जानते हैं. आपको पता है कि पोर्क हराम है, मछली हलाल है, और दूसरे जानवरों का मांस, अगर एक खास तरह से काटा गया है तो हलाल है. लेकिन एक मुसलमान जब मांस बाजार से खरीद कर लाता है तो उसे कैसे भरोसा होता है कि यह हलाल है या नहीं? पहली बार लन्दन आया था तो हम कई लड़के-लड़कियाँ एक ही घर में रहते थे. हम सब साथ खाना बना कर खाते थे. मज़ा भी आता था, सस्ता भी पड़ता था. उनमें हमारे बीच एक पाकिस्तानी लड़की भी थी. वह कभी हमारे साथ या हमारा बनाया हुआ खाना नहीं खाती थी. एक दिन हममें से एक को नौकरी मिली तो उसने सबको दावत दी. यानि मुफ्त का मुर्गा और बियर...हमने उस लड़की को भी इनवाइट किया...हिचकते हिचकते वह नीचे आयी. उसने कहा, वह सिर्फ हलाल खाती है. हमने बताया, हम उसी की सोचकर हलाल चिकन लेकर आये हैं. तब उसने डिटेल में हलाल का मतलब बताया.. अगर किसी मुस्लिम की दूकान से मुर्गा खरीद कर लाया गया तो...

बुद्ध एवं बौद्ध धर्म के बारे में 10 रोचक तथ्य !

PART 2  6. जिस तरह मुस्लिमों के लिए कुरान है और ईसाइयों के लिए बाइबल है, उस तरह बौद्धों के लिए कोई एक केंद्रीय धर्म ग्रंथ नहीं है। बौद्ध धर्म के असंख्य ग्रंथ है, जिन्हें कोई भी एक व्यक्ति अपने संपूर्ण जीवन काल में नहीं पढ़ सकता। “त्रिपिटक” को बौद्ध ग्रंथों में सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथ माना जाता है। 7. प्रविष्ठ बौद्ध धर्म के त्रिरत्न हैं – (i) बुद्ध (ii) धम्म (iii) संघ 8. बुद्ध का जन्म लुम्बिनी, नेपाल में वेसाक पूर्णिमा के दिन एक खूबसूरत बगीचे में हुआ था। 9. अन्य धार्मिक प्रथाओं की तरह, बौद्ध धर्म में किसी व्यक्ति को एक निर्माता, ईश्वर या देवताओं में विश्वास करने की आवश्यकता नहीं होती है। बौद्ध धर्म तीन मौलिक अवधारणाओं में विश्वास करता है: १) कुछ भी स्थायी नहीं है, २) सभी कार्यों के परिणाम होते हैं, और ३) इसे बदलना संभव है। 10. जब बुद्ध को अपनी शिक्षाओं को एक शब्द में समेटने (सारांश) के लिए कहा गया, तो उन्होंने कहा, “जागरूकता।”   By:-culturalboys.