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Showing posts from February, 2022

शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में क्या अंतर है ?

शिवरात्रि हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर आती है, और महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को पड़ता है. इस प्रकार से साल भर में 12 शिवरात्रि के पर्व पड़ते है. जैसा कि बताया गया है कि फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि पड़ती है और यह साल में 1 बार ही आती है. By:-culturalboys.

महाशिवरात्रि के बारे में 5 बातें!

महाशिवरात्रि की तैयारी के दौरान, हमने असीम आध्यात्मिक संभावनाओं से भरपूर इस रात से जुड़ी पांच बातों की सूची तैयार की है। ईशा योग केंद्र में महाशिवरात्रि का रात भर चलने वाला उल्लासमय और आनंदपूर्ण उत्सव इस बार 7 मार्च को मनाया जाएगा। जबर्दस्त आध्यात्मिक संभावनाओं वाली इस रात के बारे में पांच बातें जानने योग्य हैं। क्या हैं वे पांच बातें? 1.मानव शरीर में ऊर्जा कुदरती रूप से ऊपर की ओर चढ़ती है। सद्‌गुरु: हर चंद्रमास के चौदहवें दिन और अमावस्या के एक दिन पहले शिवरात्रि होती है। इस दिन इंसानी तंत्र में ऊर्जा कुदरती तौर पर ऊपर की ओर बढ़ती है। भारतीय कैलेंडर में माघ (फरवरी/मार्च) के महीने में पड़ने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है क्योंकि इस दिन खास तौर पर प्रकृति मानव शरीर में ऊर्जा को बढ़ाने में सहायता करती है। योग और आध्यात्मिक प्रक्रिया का पूरा मकसद इंसान को उसकी सीमाओं से सीमाहीनता की ओर ले जाना है। इसके लिए सबसे जरूरी मूलभूत प्रक्रिया है, ऊर्जा का ऊपर की ओर बढ़ना। इसलिए ऐसे सभी लोग, जो अपनी वर्तमान अवस्था से थोड़ा अधिक होना चाहते हैं, उनके लिए शिवरात्रि महत्वपूर्ण है और महाशिवरात...

ईसाई धर्म के त्योहार कौन कौन से हैं?

हर देश में क्रिसमस का  त्योहार  अलग-अलग तरह से मनाया जाता है। लेकिन कम ही लोग जानते  हैं  कि क्रिसमस का  त्योहार ईसाई धर्म  के कैथोलिक शाखा के लोग पूरे 12 दिनों तक मनाते  हैं । क्रिसमस के पहले दिन से ही इस  त्योहार  का जश्न शुरू हो जाता है। क्रिश्चियन समुदाय के लोग इस दिन को ईसा मसीह के जन्मदिवस के रूप में मनाते  हैं !   By:-culturalboys 

हिन्दू का अर्थ क्या है ?

हिन्दू शब्द  किसी भी ऐसे व्यक्ति का उल्लेख करता है जो स्वयं को सांस्कृतिक रूप से, मानव-जाति के अनुसार या नृवंशतया (एक विशिष्ट संस्कृति का अनुकरण करने वाले एक ही प्रजाति के लोग), या धार्मिक रूप से  हिन्दू  धर्म से जुड़ा हुआ मानते हैं।  हिन्दू शब्द  का ऐतिहासिक अर्थ समय के साथ विकसित हुआ है।         By:-culturalboys.                       

सिख धर्म की उत्पत्ति कैसे हुई?

  सिख धर्म की शुरुआत सिख धर्म के सबसे पहले गुरु गुरुनानक देव जी द्वारा दक्षिण एशिया के पंजाब में हुई थी. उस समय पंजाब में हिंदू और इस्लाम धर्म था. तब गुरुनानक देव ने लोगों को सिख धर्म की जानकारी देनी शुरू की, जो इस्लाम और हिंदू धर्म से काफी अलग था. गुरुनानक देव के बाद 9 गुरु और आए, जिन्होंने सिख धर्म को बढ़ाया. By:-culturalboys.

ईसाई धर्म कैसे बना?

ईसाई परंपरा के अनुसार इसकी शुरूआत प्रथम सदी ई. में फलिस्तीन में हुई,  जिसके अनुयायी 'क्रिश्चियन/ईसाई' कहलाते हैं। यह धर्म यीशु मसीह की उपदेशों पर आधारित है। ईसाइयों में मुख्ययतः तीन सम्प्रदाय हैं, कैथोलिक, प्रोटेस्टेंट और ऑर्थोडॉक्स तथा इनका धर्मिक ग्रंथ बाइबिल है।   By:-culturalboys.

हज पर जाने का मक़सद क्या होता है ?

इस्लाम के कुल पाँच स्तंभों में से हज पांचवां स्तंभ है. सभी स्वस्थ और आर्थिक रूप से सक्षम मुसलमानों से अपेक्षा होती है कि वो जीवन में एक बार हज पर ज़रूर जाएं. हज को अतीत के पापों को मिटाने के अवसर के तौर पर देखा जाता है. ऐसा माना जाता है कि हज के बाद उसके तमाम पिछले गुनाह माफ़ कर दिए गए हैं और वो अपनी ज़िंदगी को फिर से शुरू कर सकता है. ज़्यादातर मुसलमानों के मन में जीवन में एक बार हज पर जाने की इच्छा होती है.    By:-culturalboys.

इस्लाम से पहले मूर्ति पूजा होती थी काबा में !

दुनिया भर के लाखों मुसलमान हज के लिए हर साल सऊदी अरब पहुंचते है. पांच दिनों तक चलने वाली यह हज यात्रा इस साल रविवार से शुरू हुई है. सऊदी अरब के मक्का शहर में काबा को इस्लाम में सबसे पवित्र स्थल माना जाता है. इस्लाम का यह प्राचीन धार्मिक अनुष्ठान दुनिया के मुसलमानों के लिए काफ़ी अहम है. इस साल उम्मीद है कि हज पर 20 लाख से ज़्यादा मुसलमान सऊदी अरब पहुंचेंगे. !--LikeBtn.com BEGIN--> ! By:-culturalboys.

हिंदू धर्म का प्राचीन धर्म शास्त्र !

  धर्मशास्त्र हिन्दू  परंपरा में महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि- एक, यह एक आदर्श गृहस्थ के लिए धार्मिक नियमों का स्रोत है, तथा दूसरे, यह  धर्म , विधि, आचारशास्त्र आदि से संबंधित  हिंदू  ज्ञान का सुसंहत रूप है। ... उनका  धर्मशास्त्र  का इतिहास, पाँच भागों में प्रकाशित है,  प्राचीन  भारत के सामाजिक विधियों तथा प्रथाओं का विश्वकोश है। By:-culturalboys 

पहला धर्म कौनसा है !

हिन्दू धर्म (संस्कृत: हिन्दू धर्म) एक धर्म (या, जीवन पद्धति) है जिसके अनुयायी अधिकांशतः भारत, नेपाल और मॉरिशस में बहुमत में हैं। इसके अलावा सूरीनाम, फिजी इत्यादि। इसे विश्व का प्राचीनतम धर्म माना जाता है। इसे 'वैदिक सनातन वर्णाश्रम धर्म' भी कहते हैं जिसका अर्थ है कि इसकी उत्पत्ति मानव की उत्पत्ति से भी पहले से है। By:-culturalboys 

हिन्दू धर्म की पहचान |

  हिन्दू धर्म  को दुनिया का सबसे प्राचीन  धर्म  माना जाता है। कुछ लोग इसे मूर्तिपूजकों, प्रकृति पूजकों या हजारों देवी-देवताओं के पूजकों का  धर्म  मानकर इसकी आलोचना करते हैं, कुछ लोग इसको जातिवादी धारणा को पोषित करने वाला  धर्म  मानते हैं, लेकिन यह उनकी सतही सोच या नफरत का ही परिणाम है । By:-culturalboys

जानें, क्यों जरूरी मानी जाती है जुम्मे की नमाज?

नई दिल्ली: आपके मन में भी यह सवाल आता होगा कि इस्लाम धर्म में अल्लाह की इबादत करने का समय इतना अहम क्यों है. खासतौर से शुक्रवार का दिन बेहद खास होता है. मुस्लिम समुदाय में इस दिन नमाज पढ़ना जरूरी माना जाता है. शुक्रवार के दिन मस्जिद में या किसी पार्क में भी नमाज पढ़ते लोग दिख जाएंगे आपको. पार्क ही क्यों, नमाजी किसी भी साफ-सुथरी जगह पर आसन बिछाकर नमाज पढ़ लेते हैं. इस्लाम धर्म में शुक्रवार को जुम्मे का दिन कहा जाता है. जुम्मे के दिन सभी मुसलमानों को एकत्रित होकर अल्लाह का नाम लेना होता है. दरअसल, इस दिन लोग एकत्रित होकर एक दूसरे के साथ अपना सुख-दुख बांटते हैं और अपनी परेशानियों का बोझ थोड़ा कम करते हैं. इसलिए कहा जाता है कि अल्लाह की इबादत के साथ ही शुक्रवार का दिन भाईचारे को भी समर्पित है. क्या है जुम्मे का महत्व. इस्लाम में जुम्मे का खास महत्व है. जुम्मे के दिन को अल्लाह के दरबार में रहम का दिन माना जाता है. इस दिन नमाज पढ़ने वाले इंसान की पूरे हफ्ते की गलतियों को अल्लाह माफ कर देते हैं और उसे आने वाले दिनों में एक अच्छा जीवन जीने का संदेश देते हैं. By:-culturalboys.

इस्लाम के 5 रोचक तथ्य |

  1-अल्लाह को 99 नाम है और हर नाम का अलग मतलब है। जैसे ‘अल-रहमान’ का मतलब है ‘सबसे दयालु’, अल-हफी का मतलब है ‘सबका रखवाला’ आदि। 2-  हजरत मुहम्मद के जन्मदिन को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के नाम से मनाया जाता है. 3- हजरत मोहम्मद साहब पर जो अल्लाह की पवित्र किताब उतारी गई है, वह है- कुरआन। अल्लाह ने फरिश्तों के सरदार जिब्राइल अलै. के मार्फत पवित्र संदेश (वही) सुनाया। उस संदेश को ही कुरआन में संग्रहित किया गया हैं। कुरआन को नाजिल हुए लगभग 14 सौ साल हो गए लेकिन इस संदेश में जरा भी रद्दोबदल नहीं है। 4-अधिकतर मुस्लिम अरब लोग नहीं होता। दुनिया के केवल 15 फीसदी मुस्लिम ही अरब हैं। 5-इस्लाम धर्म की मान्यताओं में बेटियों को वरदान माना जाता है । By:-culturalboy 

गौतम बुद्ध के 10 अनमोल विचार जानिए !

* जीवन में हजारों लड़ाइयां जीतने से अच्छा है कि तुम स्वयं पर विजय प्राप्त कर लो। फिर जीत हमेशा तुम्हारी होगी, इसे तुमसे कोई नहीं छीन सकता।   * किसी भी हालात में तीन चीजें कभी भी छुपी नहीं रह सकती, वो है- सूर्य, चन्द्रमा और सत्य।  * जीवन में किसी उद्देश्य या लक्ष्य तक पहुंचने से ज्यादा महत्वपूर्ण उस यात्रा को अच्छे से संपन्न करना होता है।  * बुराई से बुराई कभी खत्म नहीं होती। घृणा को तो केवल प्रेम द्वारा ही समाप्त किया जा सकता है, यह एक अटूट सत्य है।  * सत्य के मार्ग पर चलते हुए व्यक्ति केवल दो ही गलतियां कर सकता है, पहली या तो पूरा रास्ता न तय करना, दूसरी या फिर शुरुआत ही न करना।   * भविष्य के सपनों में मत खोओ और भूतकाल में मत उलझो सिर्फ वर्तमान पर ध्यान दो। जीवन में खुश रहने का यही एक सही रास्ता है।  * जिस तरह एक जलते हुए दीये से हजारों दीपक रोशन किए जा सकते है, फिर भी उस दीये की रोशनी कम नहीं होती, उसी तरह खुशियां बांटने से हमेशा बढ़ती है, कभी कम नहीं होती।  * जीवन में आप चाहें जितनी अच्छी-अच्छी किताबें पढ़ लो, कितने भी अच्...

सिख धर्म के 10 गुरु कौन कौन थे ?

1. गुरु नानक देव जी सिख धर्म के प्रवर्तक गुरुनानक देव का जन्म 15 अप्रैल, 1469 में ‘तलवंडी’ नामक स्थान पर हुआ था। नानक जी के पिता का नाम कल्यानचंद या मेहता कालू जी और माता का नाम तृप्ता था। नानक जी के जन्म के बाद तलवंडी का नाम ननकाना पड़ा। वर्तमान में यह जगह पाकिस्तान में है। उनका विवाह नानक सुलक्खनी के साथ हुआ था। इनके दो पुत्र श्रीचन्द और लक्ष्मीचन्द थे। उन्होंने कर्तारपुर नामक एक नगर बसाया, जो अब पाकिस्तान में है। इसी स्थान पर सन् 1539 को गुरु नानक जी का देहांत हुआ था।गुरु नानक की पहली ‘उदासी’ (विचरण यात्रा ) 1507 ई . में 1515 ई . तक रही। इस यात्रा में उन्होंने हरिद्वार , अयोध्या, प्रयाग, काशी, गया, पटना, असम, जगन्नाथपुरी, रामेश्वर, सोमनाथ, द्वारका, नर्मदातट, बीकानेर, पुष्कर तीर्थ, दिल्ली, पानीपत, कुरुक्षेत्र, मुल्तान, लाहौर आदि स्थानों में भ्रमण किया। 2. गुरु अंगद देव जी गुरु अंगद देव सिखों के दूसरे गुरु थे। गुरु नानक देव ने अपने दोनों पुत्रों को छोड़कर उन्हें अपना उत्तराधिकारी बनाया था। उनका जन्म फिरोजपुर, पंजाब में 31 मार्च, 1504 को हुआ था। इनके पिता का नाम फेरू जी था, जो पेशे से ...

ब्राह्मण को मारने से क्या होता है?

ब्रह्महत्या का शाब्दिक अर्थ है- ब्राह्मण की हत्या। 'ब्राह्मण' का अर्थ है- ब्रह्म को जानने वाला (ब्रह्म जानाति इति ब्राह्मणः)। एक संत का कार्य ब्रह्म को जानना ही होता है। ब्रह्म हत्या करने वाले के कुल का स्वत: ही या देवीय शक्ति के सहयोग से नाश हो जाता है ।  By:-culturalboys.

एकादशी व्रत का महत्व!

वैशाख शुक्ल एकादशी यानी मोहिनी एकादशी पर भगवान विष्णु की आराधना करने से जहां सुख-समृद्धि बढ़ती है वहीं शाश्वत शांति भी प्राप्त होती है। संसार में आकर मनुष्य केवल प्रारब्ध का भोग ही नहीं भोगता अपितु वर्तमान को भक्ति और आराधना से जोड़कर सुखद भविष्य का निर्माण भी करता है। एकादशी व्रत का महात्म्य भी हमें इसी बात की ओर संकेत करता है। एकादशी व्रत बहुत सावधानी का है। इसमें चावल वर्जित हैं। मोहिनी एकादशी के अवसर पर श्रद्धालुओं को सुबह से ही पूजा-पाठ, प्रातःकालीन आरती, सत्संग, एकादशी महात्म्य की कथा, प्रवचन सुनना चाहिए। साथ ही भगवान विष्णु को चंदन और जौ चढ़ाने चाहिए क्योंकि यह व्रत परम सात्विकता और आचरण की शुद्धि का व्रत होता है। अत: हमें अपने जीवन काल में धर्मानुकूल आचरण करते हुए मोक्ष प्राप्ति का मार्ग ढूंढना चाहिए। * स्कंद पुराण के अनुसार मोहिनी एकादशी के दिन समुद्र मंथन में निकले अमृत का बंटवारा हुआ था। स्कंद पुराण के अवंतिका खंड में शिप्रा को अमृतदायिनी, पुण्यदायिनी कहा गया। अत: मोहिनी एकादशी पर शिप्रा में अमृत महोत्सव का आयोजन किया जाता है। इसलिए कहते हैं - तत सोमवती शिप्रा विख्याता यति पुण्...

पूर्णिमा का महत्व।

पूर्णिमा संस्कृत का शब्द है। पूर्णिमा का दिन प्रत्येक महीने में तब (दिन) तीथ का होता है जब पूर्णिमा होती है, और प्रत्येक महीने में दो चंद्र नक्षत्रों (पक्षा) के बीच के विभाजन को चिह्नित करता है, और चंद्रमा एक सीधी रेखा में सूर्य और के साथ संरेखित होता है पृथ्वी। पूर्णिमा को चंद्रमा के चार प्राथमिक चरणों में से तीसरा माना जाता है; अन्य तीन चरण हैं अमावस्या, पहली तिमाही चंद्रमा और तीसरी तिमाही चंद्रमा। पूर्णिमा 100% रोशनी दिखाती है, उच्च ज्वार का कारण बनती है, और चंद्र ग्रहण के साथ मिल सकती है। By:-culturalboys.

यहूदी धर्म को जानें!

PART 2 यहूदी त्योहार : शुक्कोह, हुनक्का, पूरीम, रौशन-शनाह, पासओवर, योम किपुर। यरुशलम : येरुशलम इसराइल देश की विवादित राजधानी है। इस पर यहूदी धर्म, ईसाई धर्म और इस्लाम धर्म, तीनों ही दावा करते हैं, क्योंकि यहीं यहूदियों का पवित्र सुलैमानी मन्दिर हुआ करता था, जो अब एक दीवार मात्र है। यही शहर ईसा मसीह की कर्मभूमि रहा है। यहीं से हजरत मुहम्मद स्वर्ग गए थे। इसीलिए यह विवाद का केंद्र है। लेकिन असल में येरुशलम प्राचीन यहूदी राज्य का केंद्र और राजधानी रहा है। यही पर मूसा ने यहूदियों को धर्म की शिक्षा दी थी। अन्य पैंगबर : आदम, अब्राहम के अलावा मान्यता है कि राजा 'मनु' को ही यहूदियों ने 'नूह' माना है। नूह ने ईश्वर के आदेश पर जल प्रलय के समय बड़ी-सी किश्ती बनाई थी और उसमें सृष्टि के सभी प्राणियों को रखकर सृष्टि को बचाया था। राजा मनु की कहानी भी ऐसी ही है । महान यहूदी : ईसा मसीह के बाद कलाकार एंजेलो, चित्रकार पाब्लो पिकासो, कार्ल मार्क्स और अल्बर्ट आइंसटीन के अलावा ऐसे सैकड़ों प्रसिद्ध यहूदी हुए हैं जिनका विज्ञान और व्यापार में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। यहूदियों द्वारा मानव समाज के...

आइए, जानें इस्लाम के बारे में कुछ ऐसे तथ्य जो बेहद कम लोग ही जानते है: !

PART 1  दुनिया में जीने का सबसे बेहतर उसूल है जियो और जीने दो। दुनिया का हर धर्म इस बात को मानता और सिखाता है। इसी तरह इस्लाम धर्म में भी कई ऐसी बातें है जो इस धर्म को मजबूती प्रदान करती है। 1. मुस्लिम सिर्फ अल्लाह की इबादत करते हैं। वो पैंगंबर मोहम्मद की इबादत नहीं करते  2. इस्लाम का मतलब है 'ईश्वर को प्रस्तुत और समर्पित'  3. ईसाई धर्म के बाद, इस्लाम दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है    4. मुस्लिम का असली मतलब है 'वह सबकुछ और हर कोई जो खुद को अल्लाह की इच्छा के लिए समर्पित है।' इसमें इंसान से लेकर पेड़-पौधे और जानवर भी शामिल हैं  5. अलजेब्रा, एक अरबी शब्द 'अल-जब्र' से आता है, जो इस्लाम की प्रमुख भाषा है ! NEXT PART COMING SOON ...... By:-culturalboys

यहूदी धर्म को जानें!

PART 1 प्राचीन धर्मों में से एक आज से करीब 4000 साल पुराना यहूदी धर्म वर्तमान में इजराइल का राजधर्म है। दुनिया के प्राचीन धर्मों में से एक यहूदी धर्म से ही ईसाई और इस्लाम धर्म की उत्पत्ति हुई है। यहूदी एकेश्वरवाद में विश्वास करते हैं। मूर्ति पूजा को इस धर्म में पाप समझा जाता है।  अब्राहम : यहूदी धर्म की शुरुआत पैगंबर अब्राहम (अबराहम या इब्राहिम) से मानी जाती है, जो ईसा से 2000 वर्ष पूर्व हुए थे। पैगंबर अलै. अब्राहम के पहले बेटे का नाम हजरत इसहाक अलै. और दूसरे का नाम हजरत इस्माईल अलै. था। दोनों के पिता एक थे, किंतु माँ अलग-अलग थीं। हजरत इसहाक की माँ का नाम सराह था और हजरत इस्माईल की माँ हाजरा थीं।  पैगंबर अलै. अब्राहम के पोते का नाम हजरत अलै. याकूब था। याकूब का ही दूसरा नाम इजरायल था। याकूब ने ही यहूदियों की 12 जातियों को मिलाकर एक सम्मिलित राष्ट्र इजरायल बनाया था। याकूब के एक बेटे का नाम यहूदा (जूदा) था। यहूदा के नाम पर ही उसके वंशज यहूदी कहलाए और उनका धर्म यहूदी धर्म कहलाया। हजरत अब्राहम को यहूदी, मुसलमान और ईसाई तीनों धर्मों के लोग अपना पितामह मानते हैं। आदम से अब्राहम और अब...

सूली पर चढ़ाए जाने के बाद भी जीवित रह गए थे ईसा मसीह, आज भी भारत में यहां है उनका मकबरा !

नई दिल्ली। ईसा मसीह जिन्हे यीशु या यीशु मसीह भी कहा जाता है ईसाई धर्म के प्रवक्ता थे। ईसाई लोग उन्हें परमेश्वर का पुत्र मानते हैं और उनके जीवन को बाइबिल के रूप में जानते और समझते हैं। ईसा मसीह का जीवन दुख तकलीफों में ही बीता और कहते हैं कि यहूदियों द्वारा उनकी बढ़ती लोकप्रियता के कारण उन्हे साज़िश करके मारने की कोशिश की गई। यहूदियों को डर था कि कही ईसा मसीह उनसे उनकी सत्ता ना छीन ले जिस कारण उन्हे सूली पर चढ़ा दिया गया। By:-culturalboys.

हिंदू धर्म की कुछ अनूठी बातें जो नास्तिकों को भी अच्‍छी लगती हैं !

PART 2  5. नास्तिकता भी हिंदू धर्म का हिस्सा... हिंदू धर्म का सबसे अनोखा फैक्ट ये है कि नास्तिकता भी इस धर्म का हिस्सा है. धर्म को उनके द्वारा भगवान को कैसे माना जाता है इस बात पर परिभाषित किया जाता है. इसमें नास्तिक (बिना भगवान वाला), अद्वैतवाद या एकेश्वरवाद (Monotheism) यानी सिर्फ एक भगवान, बहुदेववाद या Polytheism यानी अनेक देवताओं में विश्‍वास शामिल है. हिंदू धर्म ही एक ऐसा धर्म है जिसमें तीनों बातें शामिल हैं. तैंतीस करोड़ देवी देवता भी हैं और एक ईश्वर ब्रह्मा भी हैं. इसके अलावा, ये धर्म नास्तिकता को भी मानता है कि दुनिया में कोई भगवान ही नहीं बल्कि आत्मा है. 6. जितने लोग उतने रिवाज... हिंदू धर्म को मानने वाले न जाने कितने ही लोग है. लोगों की जाति अलग है और उन जातियों के अलग रिवाज. अगर ब्राह्मण वर्ग को माना जाए तो उसमें भी न जाने कितने विभाजन हैं और सभी के अलग रीति रिवाज. ये एक मात्र ऐसा धर्म है जिसमें इतने विभाजन हैं. 7. कण-कण में बसे भगवान.. हिंदू धर्म में सिर्फ मूर्तियों को ही नहीं बल्कि किसी भी चीज़ की पूजा की जा सकती है. हिंदू धर्म ही एक ऐसा है जिसमें फूल, पत्ती, पेड़, पौध...

दीपावली पर राम की जगह क्यों होती है लक्ष्मी-गणेश की पूजा, जानिए वजह !

दीपावली का पर्व आदि काल से मनाया जाता है। इसे संसार में खुशी का प्रतीक माना गया है। दीपावली के दिन अन्य कई इतिहास भी जुड़े है। भगवान् श्री कृष्ण इसी दिन शरीर मुक्त हुए। जैन मत के अनुसार अंतिम तीर्थकर भगवान् महावीर, महर्षि दयानंद सरस्वती ने दीपावली को ही निर्वाण प्राप्त किया। लेकिन हिन्दुओं का मत है कि दीपावली के दिन रामजी के विजयी होकर अयोध्या लौटे थे। उनकी खुशी में घी के दीपक जलाए गए और खुशियां मनाई गई। राम-सीता और लक्ष्मण की खुशी में दीपावली मनाई जाती है तो इस दिन राम की पूजा क्यों नहीं की जाती। सिर्फ लक्ष्मी पुत्र गणेश, विष्णु पत्नी लक्ष्मी, सरस्वती का ही पूजन क्यों किया जाता है। आइए हम बताते है इस रहस्य को। युगो पुरानी बात है। जब समुद्रमंथन नही हुआ था। उस दौरान देवता और राक्षसों के बीच आए दिन युद्ध होते रहते थे। कभी देवता राक्षसों पर भारी पड़ते तो कभी राक्षस। एक बार देवता राक्षसों पर भारी पड़ रहे थे। जिसके कारण राक्षस पाताल लोक में भागकर छिप गए। राक्षस जानते थे कि वे इतने शक्तिशाली नही कि देवताओं से लड़ सकें। देवताओं पर महालक्ष्मी अपनी कृपा बरसा रही थी। मां लक्ष्म...

हिंदू धर्म की कुछ अनूठी बातें जो नास्तिकों को भी अच्‍छी लगती हैं !

  PART 1 अगर कोई आपसे कहे कि हिंदू असल में कोई धर्म ही नहीं बल्कि असल में ये सनातन धर्म है तो? हिंदू धर्म से जुड़ी ऐसी कई बातें हैं जो अक्सर लोगों को पता नहीं होती! किसी धर्म की परिभाषा क्या होती है? उस धर्म का पालन करने वाले लोगों के रीति रिवाज कहां से आते हैं? अगर बात हिंदू धर्म की करें तो क्या आप जानते हैं कि इस धर्म का कोई संस्थापक नहीं है. जी हां, दुनिया के सबसे पुराने धर्म का कोई पिता ही नहीं है. अब बात करते हैं हिंदू धर्म और उससे जुड़े कुछ ऐसे तथ्यों की जो अधिकतर लोग नहीं जानते! 1. 'Hinduism' एक धर्म या जीने का तरीका? जैसा की पहले भी बताया जा चुका है कि हिंदु धर्म का कोई संस्थापक नहीं है. माना जाता है कि कुछ संतों ने मिलकर जीने के एक तरीका का प्रचार करना शुरू किया था. इसे हिंदू धर्म भी नहीं सनातन धर्म कहा जाता था. 2. आखिर कहां से हुई शुरुआत.. ये धर्म कुछ 1500-2000 ईसा पूर्व शुरू हुआ और उस समय भी हिंदू धर्म का कोई एक नहीं बल्कि कई प्रचारक थे. कुछ लोग इस धर्म को 5500 ईसा पूर्व तक मानते हैं. उस समय सिंधू नदी के पास रहने वालों का एक धर्म बन गया जो प्रकृति की किसी भी चीज़ को ...

बुद्ध एवं बौद्ध धर्म के बारे में 10 रोचक तथ्य !

PART 2  6. जिस तरह मुस्लिमों के लिए कुरान है और ईसाइयों के लिए बाइबल है, उस तरह बौद्धों के लिए कोई एक केंद्रीय धर्म ग्रंथ नहीं है। बौद्ध धर्म के असंख्य ग्रंथ है, जिन्हें कोई भी एक व्यक्ति अपने संपूर्ण जीवन काल में नहीं पढ़ सकता। “त्रिपिटक” को बौद्ध ग्रंथों में सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथ माना जाता है। 7. प्रविष्ठ बौद्ध धर्म के त्रिरत्न हैं – (i) बुद्ध (ii) धम्म (iii) संघ 8. बुद्ध का जन्म लुम्बिनी, नेपाल में वेसाक पूर्णिमा के दिन एक खूबसूरत बगीचे में हुआ था। 9. अन्य धार्मिक प्रथाओं की तरह, बौद्ध धर्म में किसी व्यक्ति को एक निर्माता, ईश्वर या देवताओं में विश्वास करने की आवश्यकता नहीं होती है। बौद्ध धर्म तीन मौलिक अवधारणाओं में विश्वास करता है: १) कुछ भी स्थायी नहीं है, २) सभी कार्यों के परिणाम होते हैं, और ३) इसे बदलना संभव है। 10. जब बुद्ध को अपनी शिक्षाओं को एक शब्द में समेटने (सारांश) के लिए कहा गया, तो उन्होंने कहा, “जागरूकता।”   By:-culturalboys.

इस्लाम धर्म के बारे में रोचक बाते !

1. इस्लाम धर्म के संस्थापक हजरत मोहम्मद साहब थे।  2. उनके पिता का नाम अब्दुल्ला और माता का नाम अमीना था उनका बचपन में लालन-पालन उनके चाचा अबू तालिब ने क्या था ।  3. 24 सितंबर 622 को पैगंबर के मक्का मदीना की यात्रा इस्लाम जगत में मुस्लिम संवत (हिजरी संवत) के नाम से जाना जाता है ।  4. हजरत मोहब्बत साहब को 610 ईसवी में मक्का के पास हीरा नामक गुफा में ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।  5. कुरान इस्लाम धर्म का सबसे पवित्र ग्रंथ है यह पवित्र ग्रंथ 114 अध्याय में बढ़ती हुई है इसमें 6,360 पद्य है।   6. हजरत मोहब्बत साहब की मृत्यु 8 जून 632 को हुई इन्हें मदीना में दफनाया गया था।   7. मोहब्बत साहब की मृत्यु के बाद इस्लाम धर्म दो भागों में विभाजित हो गए एक सुन्नी दूसरा शिया नामक भाग में।   8. सुन्नी जो सुना में विश्वास करते है सुना पैगंबर मोहब्बत सहाब की कथनों पर तथा कार्यों का विवरण करता है और शिया अली की शिक्षाओं पर विश्वास करते हैं।  9. नमाज के दौरान मुसलमान मक्का की तरफ मुंह करके खड़े होते हैं भारत में मक्का पश्चिमी की और पड़ता ह...

जैन धर्म के 24 तीर्थंकर

  1.ऋषभदेव- इन्हें ‘आदिनाथ’ भी कहा जाता है 2.अजितनाथ 3.सम्भवनाथ 4.अभिनंदन जी 5.सुमतिनाथ जी 6.पद्ममप्रभु जी 7.सुपार्श्वनाथ जी 8.चंदाप्रभु जी 9.सुविधिनाथ- इन्हें ‘पुष्पदन्त’ भी कहा जाता है 10.शीतलनाथ जी 11.श्रेयांसनाथ 12.वासुपूज्य जी 13.विमलनाथ जी 14.अनंतनाथ जी 15.धर्मनाथ जी 16.शांतिनाथ 17.कुंथुनाथ 18.अरनाथ जी 19मल्लिनाथ जी 20.मुनिसुव्रत जी 21नमिनाथ जी 22.अरिष्टनेमि जी – इन्हें ‘नेमिनाथ’ भी कहा जाता है। जैन मान्यता में ये नारायण श्रीकृष्ण के चचेरे भाई थे। 23.पार्श्वनाथ 24.वर्धमान महावीर – इन्हें वर्धमान, सन्मति, वीर, अतिवीर भी कहा जाता है   By:-culturalboys 

Jain Dharma History !

जैन धर्म एक प्राचीन धर्म हैं. अहिंसा जैन धर्म का मूल सिद्धांत हैं. जैन ग्रंथो की अनुसार इस काल के प्रथम तीर्थकर भगवान श्री ऋषभदेव द्वारा जैन धर्म का प्रादुर्भाव हुआ था. जैन धर्म की अत्यंत प्राचीनता करने वाले अनेक उल्लेख अजैन साहित्य और खासकर वैदिक साहित्य में प्रचुर मात्रा में हैं.   By:-culturalboys.

बुद्ध एवं बौद्ध धर्म के बारे में 10 रोचक तथ्य !

PART 1 1. भगवान गौतम बुद्ध एक भारतीय दार्शनिक, श्रमण, ध्यानी, आध्यात्मिक गुरु व समाजसुधारक थे, जो ईसा पूर्व 7वीं से 6वीं शताब्दी, ईसा पूर्व 6 वीं से 5वीं शताब्दी या ईसा पूर्व 5वीं से 4थी शताब्दी में प्राचीन भारत में रहते थे।  2. बुद्ध की जन्म-मृत्यु (जीवन काल) या तो “ईसा पूर्व 536 – ईसा पूर्व 483” या “ईसा पूर्व 480 – ईसा पूर्व 400” ऐसा माना जाता है। हालाँकि, हाल के शोध से पता चला है कि बुद्ध का जन्म प्रचलित जन्म वर्ष से करीब एक सदी पहले हुआ था, “ईसा पूर्व 623 – ईसा पूर्व 543” को बुद्ध का जीवनकाल माना जाता है।   3. मृत्यु के बाद बुद्ध के शरीर के अवशेषों को आठ भागों में बांटकर उन पर आठ स्तूपों का निर्माण कराया गया था।   4. “बुद्ध” यह व्यक्तिगत नाम नहीं है। यह एक सम्मानजनक उपाधि है, जिसका अर्थ है “जागृत व्यक्ति।” बुद्ध का असली नाम सिद्धार्थ गौतम था।   5. दुनिया भर में 173 करोड़ से 200 करोड़ लोग बौद्ध हैं, जो दुनिया की आबादी का 22% से 25% हिस्सा हैं। part 2 coming soon.... By:-culturalboys