नई दिल्ली: आपके मन में भी यह सवाल आता होगा कि इस्लाम धर्म में अल्लाह की इबादत करने का समय इतना अहम क्यों है. खासतौर से शुक्रवार का दिन बेहद खास होता है. मुस्लिम समुदाय में इस दिन नमाज पढ़ना जरूरी माना जाता है. शुक्रवार के दिन मस्जिद में या किसी पार्क में भी नमाज पढ़ते लोग दिख जाएंगे आपको. पार्क ही क्यों, नमाजी किसी भी साफ-सुथरी जगह पर आसन बिछाकर नमाज पढ़ लेते हैं.
इस्लाम धर्म में शुक्रवार को जुम्मे का दिन कहा जाता है. जुम्मे के दिन सभी मुसलमानों को एकत्रित होकर अल्लाह का नाम लेना होता है. दरअसल, इस दिन लोग एकत्रित होकर एक दूसरे के साथ अपना सुख-दुख बांटते हैं और अपनी परेशानियों का बोझ थोड़ा कम करते हैं. इसलिए कहा जाता है कि अल्लाह की इबादत के साथ ही शुक्रवार का दिन भाईचारे को भी समर्पित है.
क्या है जुम्मे का महत्व.
इस्लाम में जुम्मे का खास महत्व है. जुम्मे के दिन को अल्लाह के दरबार में रहम का दिन माना जाता है. इस दिन नमाज पढ़ने वाले इंसान की पूरे हफ्ते की गलतियों को अल्लाह माफ कर देते हैं और उसे आने वाले दिनों में एक अच्छा जीवन जीने का संदेश देते हैं.
By:-culturalboys.
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