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यहूदी धर्म को जानें!


PART 1

प्राचीन धर्मों में से एक आज से करीब 4000 साल पुराना यहूदी धर्म वर्तमान में इजराइल का राजधर्म है। दुनिया के प्राचीन धर्मों में से एक यहूदी धर्म से ही ईसाई और इस्लाम धर्म की उत्पत्ति हुई है। यहूदी एकेश्वरवाद में विश्वास करते हैं। मूर्ति पूजा को इस धर्म में पाप समझा जाता है।

 अब्राहम : यहूदी धर्म की शुरुआत पैगंबर अब्राहम (अबराहम या इब्राहिम) से मानी जाती है, जो ईसा से 2000 वर्ष पूर्व हुए थे। पैगंबर अलै. अब्राहम के पहले बेटे का नाम हजरत इसहाक अलै. और दूसरे का नाम हजरत इस्माईल अलै. था। दोनों के पिता एक थे, किंतु माँ अलग-अलग थीं। हजरत इसहाक की माँ का नाम सराह था और हजरत इस्माईल की माँ हाजरा थीं।

 पैगंबर अलै. अब्राहम के पोते का नाम हजरत अलै. याकूब था। याकूब का ही दूसरा नाम इजरायल था। याकूब ने ही यहूदियों की 12 जातियों को मिलाकर एक सम्मिलित राष्ट्र इजरायल बनाया था।

याकूब के एक बेटे का नाम यहूदा (जूदा) था। यहूदा के नाम पर ही उसके वंशज यहूदी कहलाए और उनका धर्म यहूदी धर्म कहलाया। हजरत अब्राहम को यहूदी, मुसलमान और ईसाई तीनों धर्मों के लोग अपना पितामह मानते हैं। आदम से अब्राहम और अब्राहम से मूसा तक यहूदी, ईसाई और इस्लाम सभी के पैगंबर एक ही है किंतु मूसा के बाद यहूदियों को अपने अगले पैंगबर के आने का अब भी इंतजार है।

यहोवा : यहूदी अपने ईश्वर को यहवेह या यहोवा कहते हैं। यहूदी मानते हैं कि सबसे पहले ये नाम ईश्वर ने हजरत मूसा को सुनाया था। ये शब्द ईसाईयों और यहूदियों के धर्मग्रंथ बाइबिल के पुराने नियम में कई बार आता है।

 धर्मग्रंथ : यहूदियों की धर्मभाषा 'इब्रानी' (हिब्रू) और यहूदी धर्मग्रंथ का नाम 'तनख' है, जो इब्रानी भाषा में लिखा गया है। इसे 'तालमुद' या 'तोरा' भी कहते हैं। असल में ईसाइयों की बाइबिल में इस धर्मग्रंथ को शामिल करके इसे 'पुराना अहदनामा' अर्थात ओल्ड टेस्टामेंट कहते हैं। तनख का रचनाकाल ई.पू. 444 से लेकर ई.पू. 100 के बीच का माना जाता है।

 मूसा (मोजेस) : ईसा से लगभग 1,500 वर्ष पूर्व अबराहम के बाद यहूदी इतिहास में सबसे बड़ा नाम 'पैगंबर मूसा' का है। मूसा ही यहूदी जाति के प्रमुख व्यवस्थाकार हैं। मूसा को ही पहले से ही चली आ रही एक परम्परा को स्थापित करने के कारण यहूदी धर्म का संस्थापक माना जाता है।

दस आदेश : मूसा मिस्र के फराओ के जमाने में हुए थे। ऐसा माना जाता है कि उनको उनकी माँ ने नील नदी में बहा दिया था। उनको फिर फराओ की पत्नी ने पाला था। बड़े होकर वे मिस्री राजकुमार बने। बाद में मूसा को मालूम हुआ कि वे तो यहूदी हैं और उनका यहूदी राष्ट्र त्याचार सह रहा है और यहाँ यहूदी गुलाम है तो उन्होंने यहूदियों को इकठ्ठाकर उनमें नई जाग्रती लाई।

मूसा को ईश्वर द्वारा दस आदेश मिले थे। मूसा का एक पहाड़ पर परमेश्वर से साक्षात्कार हुआ और परमेश्वर की मदद से उन्होंने फराओ को हराकर यहूदियों को आजाद कराया और मिस्र से पुन: उनकी भूमि इसराइल में यहूदियों को पहुँचाया। इसके बाद मूसा ने इसराइल में इस्राइलियों को ईश्वर द्वारा मिले 'दस आदेश' दिए जो आज भी यहूदी धर्म के प्रमुख सैद्धांतिक है।

सुलेमान : अब्राहम और मूसा के बाद दाऊद और उसके बेटे सुलेमान को यहूदी धर्म में अधिक आदरणीय माना जाता है। सुलेमान के समय दूसरे देशों के साथ इजरायल के व्यापार में खूब उन्नति हुई। सुलेमान का यदूदि जाति के उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। 37 वर्ष के योग्य शासन के बाद सन 937 ई.पू. में सुलेमान की मृत्यु हुई।

NEXT PART IS COMING SOON.....

By:-culturalboys.

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