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क्रॉस पर ईसा मसीह के ये थे वो आखिरी सात वचन, पढ़ें...


 आज गुड फ्राइ-डे है. गुड फ्राइ-डे को होली फ्राइ-डे, ब्लैक फ्राइ-डे या ग्रेट फ्राइडे के अलग अलग नाम से भी जाना जाता है. इसी दिन प्रभु यीशु को क्रॉस पर लटका कर मारने का दंड दिया गया. लेकिन अपने हत्यारों पर क्रोध करने के बजाए यीशु ने उनके लिए प्रार्थना करते हुए कहा कि ' हे ईश्वर ! इन्हें क्षमा कर क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं'. जिस दिन ईसा मसीह को क्रॉस पर लटकाया गया था, उस दिन फ्राइ-डे यानी कि शुक्रवार था, तभी से उस दिन को गुड फ्राइडे मनाने कि परम्परा चली आ रही है. इसाई धर्म कि मान्यताओं के अनुसार,  माना जाता है कि उसके दो सप्ताह बाद इसके दो दिन बाद वह फिर से जीवित हो गए थे. आइए जानते हैं क्या थे ईसा मसीह के आखिरी शब्द...

-आखिरी समय में यीशु ने काफी तह आवाज में पुकार रहे थे 'एली, एली, लमा शबक्तनी?; इसका मतलब है कि हे मेरे परमेश्‍वर, तूने मुझे क्यों छोड़ दिया है? यीशु अपने पहले वचन में त्यागे जाने कि भावना को व्यक्त किया था. वचन के अनुसार, परमेश्‍वर ने यीशु के ऊपर संसार के समस्त पापों को डाल दिया था और इस कारण परमेश्‍वर को यीशु की ओर से जाना पड़ा था.

-हे पिता, इन्हें क्षमा कर क्योंकि यह नहीं जानते कि क्या कर रहे हैं.

-मैं तुझ से सच कहता हूं कि आज ही तू मेरे साथ स्वर्गलोक में होगा.

-हे पिता, मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों में सौंपता हूँ.

-हे नारी, देख, यह तेरा पुत्र है! और यह तेरी माता है! यीशु ने जब सूली के पास खड़े यूहन्ना को अपनी मां के साथ खड़ा देखा तो यीशु ने अपनी मां की देखभाल करने कि जिम्मेदारी यूहन्ना को सौंप दी.

-मैं प्यासा हूं. यीशु के इस कथन का तात्पर्य है की लोगों ने मेरे खाने के लिये इन्द्रायन दिया, और उनकी प्यास बुझाने के लिए उन्हें सिरका पिलाया गया जोकि किसी को सूली पर चढ़ाए जाने के बाद कि परम्परा थी.

-पूरा हुआ! यह यीशु का आखिरी वचन था. इसके मायने हैं कि उनके सांसारिक दु:ख पूरे हो गए थे और उसके पिता के द्वारा दिए हुए सारे कार्य को उसने पूरा कर दिया था और सभी पापों के ऋण चुकता कर दिए थे.

By:-culturalboys.

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