इस्लाम में रमजान का बहुत महत्व है। इस महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग एक महीने रोजे रखते हैं। इन दौरान दिन में न ही कुछ खाया जाता है और न ही कुछ पिया जाता है। रमजान के पवित्र महीने के बारे में कुरान में लिखा है कि अल्लाह ने पैगम्बर साहब को अपने दूत के रूप में चुना था। रमजान महीने के आखिरी दस दिन बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। क्योंकि इन दिनों में कुरान पूरी हुई थी। रमजान के कई महत्व हैं। रमजान के महीने में रोजा रखने के पीछे तर्क दिया जाता है कि इस दौरान व्यक्ति अपनी बुरी आदतों से दूर रहने के साथ-साथ खुद पर भी संयम रखता है। दिन में कुछ भी नहीं खाया जाता। लेकिन कहा जाता है कि खाने के अलावा व्यक्ति को खाने के बारे में सोचना भी नहीं चाहिए। रोजे के दौरान अगर कोई व्यक्ति झूठ बोलता है, पीठ पीछे किसी की बुराई करता है, झूठी कसम खाता है, लालच करता है, या कोई गलत काम करता है तो उसका रोजा टूटा हुआ माना जाता है। रोजा रखने के बारे में कहा जाता है कि ये हमें सिखाता है कि हम अपने जिस्म के किसी भी हिस्से से कोई गलत काम ना करें। जैसे की ना गलत सुनें, ना ही अपने हाथों और पैरों से कुछ गलत काम करें। ...